अल्पसंख्यक आयोग में हुआ घोटाला, चेयरमैन ने दर्ज कराई एफआईआर
नई दिल्ली, 30 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। राजधानी में अल्पसंख्यक आयोग में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक यहां दफ्तर के लिए लाखों रुपये का सामान खरीदा गया, लेकिन इनमें से कुछ भी दफ्तर में नहीं पहुंचा. केवल कागजों पर खरीद दिखाकर लाखों रुपये की पेमेंट कर दी गई. इतना ही नहीं दफ्तर में मौजूद पुराने सामान को भी बिना नीलामी के गुपचुप तरीके से बाहर बेच दिया गया. इस घोटाले का आरोप दानिक्स अधिकारी समेत चार लोगों पर है, जिनके खिलाफ मध्य जिला के आईपी एस्टेट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.
जानकारी के अनुसार दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन डॉक्टर जफरुल इस्लाम खान ने आईपी एस्टेट थाने में जालसाजी और अमानत में ख्यानत की एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें उन्होंने बताया है कि इस जनवरी 2019 में आयोग के लिए बड़ी मात्रा में स्टेशनरी और अन्य सामान खरीदा गया. बिल में दिखाया गया है कि 27 तरह की चीजों की खरीद की गई, लेकिन वास्तव में केवल कागज पर ही यह सामान खरीदा गया. ऐसा कोई सामान आयोग में नहीं आया. उन्होंने इस फर्जीवाड़े की जानकारी पुलिस के साथ ही उपराज्यपाल अनिल बैजल को भी दे दी है.
चेयरमैन की शिकायत पर आईपी एस्टेट थाने में पुलिस ने मामला दर्ज किया है. इसमें बताया गया है फोटोस्टेट रिम, रूम फ्रेशनर, इलेक्ट्रिक केतली, डस्टर, मच्छर भगाने वाली दवा, नोट शीट, छाता, स्टैपलर आदि सामान कागजों पर खरीदा गया है. लेकिन आयोग में ऐसा कुछ भी नहीं आया. केवल इसका बिल लेकर उसका भुगतान कर दिया गया. इस पेमेंट में कई कंपनियों के बिल दिखाए गए हैं. उन्होंने शक जताया है कि यह सामान केवल कागजों पर खरीद कर उसका भुगतान कर दिया गया.
विकास भवन में मौजूद दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अधिकारियों ने जब छानबीन की तो दफ्तर से 34 तरह की चीजें नदारद थी. इनमें अलमारी, हॉटकेस, ऑयल हिटर, फोटोकॉपी मशीन, एसी, प्रिंटर, टीवी, यूपीएस, लैपटॉप आदि शामिल हैं. यह पुराना सामान नीलामी के जरिये बेचा जाना चाहिए था. लेकिन आरोपियों ने गलत तरीके से यह सामान आयोग से बाहर बेचा और इसकी कीमत अपनी जेब में रख ली. इस मामले में एक दानिक्स अधिकारी सहित चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. इनमें से एक आरोपी फिलहाल निलंबित चल रहा है. पुलिस का कहना है कि फिलहाल उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरु की है. साक्ष्य मिलते ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.