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भारतीय खाद्य निगम ने ई-नीलामी के पहले दिन 8.88 लाख टन गेहूं बेचा

नई दिल्ली, 02 फरवरी (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने ई-नीलामी बिक्री योजना के तहत घरेलू बाजार में 22 राज्यो को 8 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) से ज्यादा गेहूं बेचा है। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।

मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि एफसीआई ने बुधवार को 22 राज्यों में ई-नीलामी के पहले दिन खुला बाजार बिक्री योजना के तहत घरेलू बाजा़र में 8.88 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की बिक्री की। मंत्रालय के मुताबिक एफसीआई केंद्रीय पूल स्टॉक से ई-नीलामी के लिए निर्धारित 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं के स्टॉक में से 22 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री करेगा।

गेहूं की पहली ई-नीलामी में 1100 से ज्यादा बोली लगाने वाले उपस्थिति थे। राजस्थान में गेहूं की ई-नीलामी के लिए बोली 2 फरवरी को आयोजित की गई है। एफसीआई ई-नीलामी के माध्यम से गेहूं की बिक्री देशभर में 15 मार्च, 2023 तक प्रत्येक बुधवार को 2 बजे तक जारी रहेगी। मंत्रालय ने बताया कि देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए ई-नीलामी की जा रही है।

खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने गेहूं और गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों पर लगाम के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में बेचने की बात कही थी। मंत्रायल के मुताबिक एफसीआई इस 30 लाख टन में से ई-नीलामी के जरिए आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को 25 लाख टन गेहूं बेचेगा। इसके लिए एफसीआई ने 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और ढुलाई लागत के साथ साप्ताहिक ई-नीलामी की शुरुआत की है।

एफसीआई के मुताबिक गेहूं की पेशकश 2,350 रुपये प्रति क्विंटल के आरक्षित मूल्य और भाड़ा शुल्क के साथ किया गया है। एक खरीदार अधिकतम 3,000 टन और न्यूनतम 10 टन मात्रा के लिए बोली लगा सकता है। वहीं, दो लाख टन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को और तीन लाख टन अन्य संस्थानों और राज्य सार्वजनिक उपक्रमों को गेहूं को आटे में बदलने के लिए रियायती दर पर दिया जाएगा। इसे 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा दर पर बेचने की अनुमति नहीं है।

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