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सीओए ने टीएनसीए से संविधान को चार अक्टूबर तक सुधारने के लिये कहा

नई दिल्ली, 26 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रशासकों की समिति (सीओए) ने तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के नये संविधान को लोढ़ा समिति की सिफारिशों का अनुपालन नहीं करने वाला बताया है और टीएनसीए से कहा है कि अगर वे 23 अक्टूबर को बीसीसीआई एजीएम में भाग लेना चाहते हैं तो चार अक्टूबर तक इसमें सुधार कर लें। टीएनसीए ने गुरुवार को बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन की बेटी रूपा गुरुनाथ को पहली महिला अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना। कयास लगाये जा रहे हैं कि टीएनसीए की नवनियुक्त कार्यकारिणी अपनी आगामी बैठक में एन श्रीनिवासन को मुंबई में होने वाली बीसीसीआई एजीएम के लिये प्रतिनिधि नियुक्त कर सकती है। श्रीनिवासन 73 साल के हैं और बीसीसीआई के संशोधित संविधान के अनुसार भारतीय क्रिकेट ढांचे में किसी भी भूमिका के लिये अयोग्य हैं। सीओए का मानना है कि टीएनसीए ने उच्चतम न्यायाल के 20 सितंबर को दिये गये आदेश की गलत व्याख्या की है जिसमें कहा है कि ,‘‘अयोग्यता पदाधिकारियों तक सीमित रहेगी।’’ सीओए ने हालांकि गुरुवार को टीएनसीए को लिखा कि ‘‘टीएनसीए ने 20 सितंबर 2019 के आदेश की जानबूझकर गलत व्याख्या करके संशोधित संविधान में कई संशोधन किये हैं।’’ सीओए ने अपने मेल में लिखा है कि टीएनसीए के 21 अनुच्छेद ऐसे हैं जिनमें लोढ़ा समिति की सिफारिशों का अनुपालन नहीं किया गया है। ये अनुच्छेद 5, 6, 8, 10, 12, 13, 14, 15, 16, 19, 20, 21, 22, 25, 26, 27, 28, 30, 32, 33 और 34 हैं। पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि 70 साल की उम्र का नियम पूर्ववत बना हुआ है और उच्चतम न्यायालय ने भी इसे स्पष्ट कर दिया है। टीएनसीए से इसलिए इस तरह से पहले पंजीकृत और अनुपालन संविधान के तहत चुनाव कराने का अनुरोध किया गया है ताकि इसके परिणाम और प्रतिनिध को बीसीसीआई चुनावों के उद्देश्य से मान्यता दी जा सके।

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