राजनैतिकशिक्षा

गुजरात विधान सभा चुनाव पर देश भर की नजर!

-डॉ. भरत मिश्र प्राची-

-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-

हिमाचल विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही गुजरात विधान चुनाव की अधिसूचना जारी न होने पर अनेक सवाल उठने लगे थे जब कि दोनों प्रदेशों में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना एक साथ जारी होने की उम्मीद की जा रही थी पर ऐसा नहीं हुआ, कारण कुछ भी हो, गुजरात विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई। जहां 182 सीट के लिये दो चरणों में 1 दिसम्बर एवं 5 दिसम्बर को मतदान होंगे एवं परिणाम 8 दिसम्बर को आयेंगे। हिमाचल में 68 सीट के लिये 12 नवम्बर को मतदान एवं 8 दिसम्बर को परिणाम आयेंगे। दोनों प्रदेशों में मतगणना की तारीख एक ही रखी गई है। दोनों प्रदेशों में वर्तमान में भाजपा की सरकार सत्ता में है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा नजर गुजरात विधान सभा चुनाव पर है जहां से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित साह जुड़े हुये है। इस राज्य के चुनाव परिणाम देश की राजनीति बदल सकते है , ऐसा फिलहाल मान जा रहा है। गुजरात विधानसभा चुनाव की अधिसूचना पूर्व केन्द्र सरकार ने गुजरात को कई सौगातें दी। इस दौरान दी गर्इ्र इन सौगातों का विधान सभा चुनाव पर कितना असर होगा, यह चुनाव उपरान्त ही पता चलेगा। हिमाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा आमने सामने है। इस बार सत्ता परिवर्तन की उम्मीद की जा रही है। गुजरात में भाजपा, कांग्रेस एवं आप के बीच राजनीतिक संघर्ष उभर कर सामने आ रहा है। इस संघर्ष में सत्ता परिवर्तन के आसार यहां भी उभर कर सामने नजर आ रहे है। इस तरह की चिंता अन्दर ही अन्दर भाजपा को भी डरा रही है। अभी हाल ही में पंजाब में आप की हुई तगड़ी पकड़ ने राजनीतिक जगत में हलचल मचा दी है। आप पर हो रही कार्यवाहियों को गुजरात चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आंका जा रहा है। जब कि गुजरात का राजनीतिक परिदृश्य पंजाब से अलग है। पंजाब में कांग्रेस की आपसी फूट का लाभ आप को मिल गया। पंजाब में भाजपा का कोई खास अस्तित्व नहीं था। वहां कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी। कांग्रेस में मुख्यमंत्री बदले जाने से कांग्रेस चुनाव में कमजोर हो गई जिसका लाभ आप को मिला। गुजरात में नरेन्द्र मोदी के बाद भी लगातार भाजपा की सरकार सत्ता में बनी रही जिसके पीछे नरेन्द्र मोदी एवं अमित साह का अप्रत्यक्ष सहारा है। आज भी यह वर्चस्व कायम है। गुजरात में दूसरे नंबर पर कांग्रेस है। कांग्रेस गुजरात चुनाव में अभी तक मौन नजर आ रही है। आप नये सिरे से प्रवेश कर सही है और सत्ता तक पहुंचने की उम्मीद कर रही है। पर गुजरात की सत्ता अभी उसकी पहुंच से बहुत दूर खड़ी है। गुजरात में पंजाब की तरह आप को सत्ता में अकेले आने की उम्मीद दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है। यदि गुजरात में सत्ता परिवर्तन होता भी है तो कांग्रेस का सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। राजनीति में सबकुछ संभव है पर फिलहाल गुजरात में भाजपा का सत्ता में बने रहना नजर आ रहा है। गुजरात चुनाव पर देशभर की नजर टिकी हुई है।

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