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ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट : निवेशकों और विभागों के बीच सेतू बनेगा सीएमआर पोर्टल

लखनऊ, 13 अक्टूबर (ऐजेंसी/अशोका एक्स्प्रेस)। ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-23 (जीआईएस-23) की व्यवस्था को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए यूपी सरकार समिट से पहले ऑनलाइन इंसेंटिव मैनेजमेंट सिस्टम (ओआईएमएस) और कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (सीएमआर) पोर्टल लांच करने जा रहा है। जिससे निवेशकों को बार-बार चक्कर न काटने पड़े। उन्हें आसानी हो सके। इसके माध्यम से एमओयू भी हो जाएगा। सीएमआर पोर्टल निवेशकों और विभागों के बीच सेतू का कार्य करेगा।

इसके लिए अवस्थापना और औद्योगिक विकास विभाग डेडिकेटेड रूप से ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-23 (जीआईएस-23) से पहले सारी व्यवस्था को सुरक्षित और पारदर्शी भी रखना चाहता है। इसी कारण यह दो पोर्टल लांच किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने हाल ही में निवेश की पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के निर्देश अवस्थापना और औद्योगिक विकास विभाग के अफसरों को दिए थे। सीएम के निर्देश पर विभाग निवेश और प्रोत्साहन राशि आदि में छूट क्लेम करने के लिए दो अलग-अलग डेडिकेटेड पोर्टल तैयार कर रहा है। सीआरएम पोर्टल निवेशकों और विभागों के बीच सेतू का कार्य करेगा। पहले फेज में जीआईएस-23 में होने वाले सभी एमओयू इसी पोर्टल के माध्यम से होंगे। निवेशकों को इसी पोर्टल के माध्यम से अन्य अनापत्तियां भी जारी की जाएंगी। दूसरे फेज में निवेशकों के लिए पोर्टल पर कॉलिंग सिस्टम युक्त हेल्प डेस्क की भी सुविधा दी जाएगी।

इसके अलावा सरकार की सभी नीतियों के तहत प्रोत्साहन राशि सहित अन्य छूट के लिए ओआईएमएस पोर्टल शुरू किया जा रहा है। इसमें निवेशक आवेदन से लेकर उसकी ट्रैकिंग भी कर सकेंगे। इस पोर्टल की मुख्यमंत्री कार्यालय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मॉनिटरिंग भी करेंगे। इससे निवेशकों को समयबद्ध रूप से प्रोत्साहन आदि लेने में आसानी होगी और उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा।

सरकारी की ओर से विभिन्न नीतियों के तहत अब तक 342 करोड़ रुपए से अधिक की प्रोत्साहन राशि दी गई है। इसमें टूरिज्म, फिल्म और इंटरटेनमेंट, फूड प्रासेसिंग, डेयरी, डाटा सेंटर, इलेक्ट्रानिक्स, आईटी, मेडिकल हेल्थ, अक्षय ऊर्जा और लॉजिस्टिक सेक्टर शामिल हैं। इस बारे में आईआईडीसी अरविंद कुमार ने बताया कि हमारी कोशिश है कि निवेशकों को सिंगल विंडो सिस्टम की सुविधाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से मिले। ओआईएमएस पोर्टल शुरू होने के बाद प्रोत्साहन राशि के वितरण में और तेजी आएगी। साथ ही निवेशक अपने फाइल को ऑनलाइन ही ट्रैक कर सकेगा।

 

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