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राजकोषीय घाटा 2022-23 के पहले चार माह में वार्षिक लक्ष्य के 20.5 प्रतिशत पर

नई दिल्ली, 31 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्र का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों यानी जुलाई के अंत तक वार्षिक लक्ष्य के 20.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है। एक साल पहले की समान अवधि में यह 21.3 प्रतिशत था।

बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा सार्वजनिक वित्त की स्थिति में सुधार को दर्शाता है।

व्यय और राजस्व के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई की अवधि में यह 3,40,831 करोड़ रुपये रहा है। राजकोषीय घाटा सरकार द्वारा बाजार से लिए गए कर्ज को भी दर्शाता है।

लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, कर समेत सरकार की प्राप्तियां पहले चार माह में 2022-23 के लिए बजट अनुमान के 7.85 लाख करोड़ रुपये या 34.4 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं। एक साल पहले की समान अवधि के दौरान यह लगभग इतनी ही यानी 34.6 प्रतिशत पर थीं।

वहीं, कर राजस्व 6.66 लाख करोड़ रुपये या चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान का 34.4 प्रतिशत रहा। पिछले साल भी सरकार अप्रैल-जुलाई के दौरान अपने वार्षिक अनुमान का 34.2 प्रतिशत पाने में सफल रही थी।

आकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार का कुल खर्च 11.26 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 28.6 प्रतिशत रहा है। यह लगभग एक साल पहले की समान अवधि के बराबर है।

इसके अलावा पूंजीगत व्यय पूरे वर्ष के बजट लक्ष्य का 27.8 प्रतिशत रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 23.2 प्रतिशत था।

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार का राजकोषीय घाटे का अनुमान 16.61 लाख रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.4 प्रतिशत है।

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