संसद में कई वाक्यों के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध
नई दिल्ली, 14 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। हाल के वर्षों में यह कई बार देखने को मिला है कि संसदीय कार्यवाही के दौरान एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते-लगाते कई बार सांसद अध्यक्षीय पीठ पर भी सवाल खड़ा कर देते हैं। सासंद, उस समय सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे अध्यक्ष या अध्यक्षीय पीठ पर बैठकर सदन की कार्यवाही चलाने वाले व्यक्ति की भूमिका को लेकर नकारात्मक टिप्पणी कर देते हैं या आरोप लगा देते हैं। इसे लेकर राज्य सभा सभापति वेंकैया नायडू और लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला कई बार सासंदों को फटकार लगाते नजर आए। कई राज्यों में भी विधान सभा या विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है।
लेकिन अब अध्यक्ष के आसन पर टिप्पणी करते समय सासंदों को अध्यक्षीय पीठ की गरिमा और सम्मान का ध्यान रखना होगा। लोक सभा सचिवालय द्वारा असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक से जारी असंसदीय शब्दों और वाक्यों की विस्तृत सूची में अध्यक्षीय पीठ की गरिमा और सम्मान का ध्यान रखते हुए कई वाक्यों को असंसदीय श्रेणी में रखा गया है।
आप मेरा समय खराब कर रहे हैं, आप हम लोगों का गला घोंट दीजिए, जब आप आसन पर बैठती हैं तो यह प्रॉब्लम होती है, चेयर को कमजोर कर दिया और यह चेयर अपने सदस्यों का प्रोटेक्शन नहीं कर पा रही है, मैं आप सबसे यह कहना चाहती हूं कि आप किसके आगे बीन बजा रहे हैं – जैस वाक्यों का इस्तेमाल सांसद, अध्यक्ष या अध्यक्षीय पीठ पर बैठे व्यक्ति के लिए नहीं कर पाएंगे। जब आप इस तरफ से चिल्ला कर वेल में जाते थे, उस वक्त को याद करूं या आज आप कुर्सी पर बैठे हैं, तो इस वक्त को याद करूं जैसे वाक्यों को भी असंसदीय वाक्यों की श्रेणी में रखा गया है।
अध्यक्षीय पीठ की गरिमा और सम्मान का ध्यान रखते हुए असंसदीय वाक्यों की सूची में अंग्रेजी के कुछ उन वाक्यों को भी शामिल किया गया है, जिसका प्रयोग सांसदों ने 2021 में सदन की कार्यवाही के दौरान किया था, जिसे बाद में असंसदीय करार देते हुए सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया था। एंड यू आर सेइंग मेंबर्स आर ऑब्स्ट्रक्टिंग, व्हाट डबल स्टैण्डर्ड इज दिस? डोंट ब्रिंग डिसरेस्पेक्ट टू दी चेयर, यू हैव डबल स्टैंडर्डस और यू हैव टू बी फेयर जैसे कई अन्य वाक्यों को भी असंसदीय वाक्यों की लिस्ट में शामिल किया गया है जिनका इस्तेमाल सांसद नहीं कर सकते हैं।
आपको बता दें कि, संसदीय कार्यवाही के नियमानुसार सदन चलाने को लेकर अध्यक्ष के पास असीमित अधिकार होते हैं। स्पीकर सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सहयोग से सदन की कार्यवाही का संचालन करता है और अगर अध्यक्ष के आसन पर बैठे पीठासीन अधिकारी को यह लगता है कि किसी ऐसे शब्द या वाक्य का इस्तेमाल किया गया है जो संसदीय पंरपरा के अनुकुल नहीं है या जिनके जरिए अध्यक्षीय पीठ की गरिमा और सम्मान पर हमला किया गया है तो वो उसे असंसदीय घोषित करते हुए सदन की कार्यवाही और रिकार्ड से हटाने का आदेश दे सकते हैं।