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बाजार में बढ़ी गिग श्रमिकों की मांग

मुंबई, 16 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। महामारी के बाद रोजगार बाजार में गिग वर्कर (ऐसे कर्मी जिन्हें ठेके पर खास अवधि तक के लिए रखा जाता है) की नियुक्तियों में तेजी आई है। बिक्री और विपणन जैसी जिम्मेदारियों में इनकी मांग सर्वाधिक दर्ज की गई है। टास्कमो गिग इंडेक्स के पहले संस्करण में कहा गया है कि गिग वर्कर्स के लिए मांग में तेजी क्विक कॉमर्स (300 प्रतिशत), हेल्थटेक (250 प्रतिशत), फिनटेक (200 प्रतिशत), और ई-कॉमर्स (198 प्रतिशत) में दर्ज की गई है।

स्टार्टअप में छंटनी, कोष की किल्लत और बंदी को लेकर चिंताओं के बीच क्विक कॉमर्स सेगमेंटों में गिग वर्कर्स के लिए अच्छी मांग बनी हुई है। सभी प्रमुख शहरों में प्रमुख कंपनियों ने इन कर्मियों की नियुक्तियों में इजाफा किया है। प्रौद्योगिकी-आधारित सेगमेंटों ने भी तेज डिजिटलीकरण और हेल्थटेक, फिनटेक, तथा फूडटेक उद्योगों की शानदार वृद्धि के साथ मांग दर्ज की। एफएमसीजी (17.65 प्रतिशत तक) ने इस महीने पिछले महीने के मुकाबले (मई बनाम अप्रैल, 2022) गिग नौकरियों के लिए कमजोर मांग दर्ज की।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कंपनियां बिजनेस डेवलपमेंट, फील्ड सेल्स, डिलिवरी, डिजिटल प्रोत्साहन, ब्रांड प्रोत्साहन, और माइक्रो-इनफ्लूएंसर में अपनी भूमिकाएं बढ़ाने के लिए गिग वर्करों की तलाश कर रही हैं। नवगठित गिग इंडेक्स के अनुसार, कुल मिलाकर, विपणन और बिक्री संबंधित नौकरियों के लिए मांग तीन अंक में बढ़ी है।

मई में इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत सक्रिय गिग श्रमिकों की संख्या 60,000 थी, जिससे पूर्ववर्ती महीने के मुकाबले गिग अर्थव्यवस्था में शामिल हुए कर्मियों में 15.38 प्रतिशत वृद्धि का पता चलता है। इसके अलावा, इंडेक्स से पिछले पांच महीनों में प्लेटफॉर्म पर सक्रिय गिग वर्करों की संख्या में 50 प्रतिशत वृद्धि का पता चलता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रमुख नियोक्ताओं ने पांडिचेरी, मिर्जापुर, पटना, जबलपुर, और कानपुर जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपनी पहचान मजबूत बनाई है, क्योंकि ये शहर गिग नौकरियों के लिए अपनी राह में तेजी ला रहे हैं।

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