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भाजपा के शीर्ष नेताओं ने धामी को दी उपचुनाव में जीत की बधाई

नई दिल्ली, 03 जून (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित दल के शीर्ष नेताओं ने शुक्रवार को उत्तराखंड की चंपावत विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज करने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी और विश्वास जताया कि इस पहाड़ी प्रदेश की प्रगति के लिए वह और कड़ी मेहनत से काम करेंगे।

मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उत्तराखंड के प्रभावशाली मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चंपावत से रिकार्ड मतों से जीत हासिल करने पर बधाइयां। मुझे भरोसा है कि उत्तराखंड की प्रगति के लिए वह और कड़ी मेहनत से काम करेंगे। मैं चंपावत की जनता को भाजपा पर विश्वास जताने के लिए धन्यवाद देता हूं और अपने कार्यकर्ताओं के परिश्रम की सराहना करता हूं।’’

चंपावत उपचुनाव में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 55,025 मतों के अंतर से जीत हासिल की।

शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उत्तराखंड के युवा और ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को चंपावत उपचुनाव में मिली प्रचंड जीत पर बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में आप देवभूमि उत्तराखंड को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए इसी समर्पण व निष्ठा के साथ जनता की सेवा करते रहेंगे।’’

नड्डा ने धामी को रिकॉर्ड जीत की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि उनके नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा और विकास की नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा।

भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बी.एल संतोष ने भी ट्वीट कर धामी को बधाई दी और कहा कि जहां उन्होंने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की वहीं कांग्रेस सहित अन्य सभी विपक्षी दलों के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

भाजपा महासचिव व उत्तराखंड के प्रभारी दुष्यंत गौतम ने धामी की जीत को ऐतिहासिक बताया और कहा, ‘‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व आपके नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार निरंतर राज्य की प्रगति के लिए कार्य करती रहेगी।’’

हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतकर प्रदेश में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने का इतिहास रचा लेकिन धामी स्वयं खटीमा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे। हार के बावजूद पार्टी ने धामी पर भरोसा जताया और उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी। छह माह के अंदर उनका विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना जरूरी था। इसके लिए चंपावत के विधायक कैलाश गहतोड़ी ने 21 अप्रैल को विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। उनके इस्तीफे से खाली हुई चंपावत सीट पर उपचुनाव हुआ।

 

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