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अप्रैल में देश के भीतर 15900 कंपनियां हुईं रजिस्टर, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने दी जानकारी

नई दिल्ली, 18 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। अप्रैल में देश में 15,905 कंपनियां पंजीकृत हुईं हैं और पिछले महीने के अंत तक कुल 14,51,401 कंपनियां सक्रिय थीं। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजे आंकड़ों से पता चला है कि 30 अप्रैल, 2022 तक कुल 23,33,958 कंपनियां, कंपनी कानून के तहत पंजीकृत थीं। इनमें से 8,29,269 कंपनियां बंद हो गईं और 7,021 लिक्विडेशन प्रक्रिया में थी। इनके अलावा 43,851 कंपनियां आधिकारिक रिकॉर्ड से अलग होने की प्रक्रिया में थीं और 2,416 कंपनियां ‘निष्क्रिय स्थिति’ में पहुंच गई थीं। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल के अंत में 14,51,401 सक्रिय कंपनियां थीं, जिनमंं पिछले 18 महीनों के भीतर 2,53,131 कंपनियां शामिल थीं।

मंत्रालय ने कहा, “अप्रैल 2022 के दौरान कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत 851 वन परसन कंपनियों (OPCs) सहित कुल 15,905 कंपनियों को 2,316.52 करोड़ रुपये की अधिकृत पूंजी के साथ पंजीकृत किया गया था।” बता दें कि कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय कंपनी कानून लागू कर रहा है। अपने संदेश में कॉर्पोरेट मामलों के सचिव राजेश वर्मा ने इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व बैंक डूइंग बिजनेस रिपोर्ट के अलावा इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी व्यवस्था के परिणामों को ट्रैक करने के लिए कोई मानक ढांचा नहीं है और यह भी हाल ही में बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “इसलिए, IBC द्वारा बनाए गए इन्सॉल्वेंसी ढांचे के प्रभाव का अध्ययन करना और एक SWOT विश्लेषण करना यानी नियमित आधार पर इसकी ताकत, कमजोरियों, अवसरों और खतरों की जांच करना महत्वपूर्ण है।”

सरकार का स्टार्टअप पर काफी फोकस है। इसमें भी सरकार टियर-2 और टियर-3 शहरों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मंगलवार को राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद की बैठक में शामिल हुए और परिषद से वेंचर कैपिटल फंडिंग, क्षमता निर्माण और स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए टियर-2 और टियर-3 शहरों पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।

 

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