वितरण कंपनियों पर नवीकरणीय बिजली उत्पादकों के बकाये को लेकर सात राज्यों को बिजली मंत्री की चिट्ठी
नई दिल्ली, 10 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्र सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों का राज्य वितरण कंपनियों के ऊपर बढ़ते बकाये को देखते हुए आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान समेत सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी है। केंद्र ने चेतावनी दी है कि बकाया का निपटान नहीं होने से ये कंपनियां एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) बन सकती हैं और मामले दिवाला कानून की कार्रवाई के लिये एनसीएलटी तक जा सकते हैं। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार अगस्त के मध्य तक नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों की राज्य वितरण कंपनियों के ऊपर बकाया बढ़कर 8,200 करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार बिजली मंत्री आर के सिंह ने इस बाबत सबसे अधिक बकाया वाले आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु समेत सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों को हाल में पत्र लिखे हैं। इन राज्यों में महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के भी नाम हैं। ऐसे कुल बकाये में इन सातों राज्यों की हिस्सेदारी करीब 98 प्रतिशत है। इनमें सर्वाधिक 2,111. 47 करोड़ रुपये का बकाया आंध्र प्रदेश की बिजली वितरण कंपनियों के ऊपर है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने इस बारे में कहा, ‘‘हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक 1.75 लाख मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता सृजित करने का लक्ष्य दिया है जिसको लेकर हम गंभीर है। यह तभी होगा जब बिजली उत्पादक कंपनियों की वित्तीय सेहत बेहतर होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसीलिए हमने बकाये के मामले को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के समक्ष उठाया है और उनसे नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों का राज्य बिजली वितरण कंपनियों के ऊपर बकाये वापस करने का निर्देश देने का आग्रह किया है।’’ सीईए के अनुसार आंध्र प्रदेश के अलावा तेलंगाना के ऊपर 1,565.08 करोड़ रुपये, तमिलनाडु 1,892.54 करोड़ रुपये, कर्नाटक 737.53 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश 733.53 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र 574.48 करोड़ रुपये तथा राजस्थान की बिजली वितरण कंपनियों के ऊपर नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों का 477.96 करोड़ रुपये के बकाये हैं। सिंह ने पत्र में लिखा है, ‘‘…बकाये का भुगतान नहीं होने की स्थिति में नवीकरणीय बिजली उत्पादक कंपनियां इरेडा (भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लि.) और अन्य वित्तीय संस्थानों को भुगतान में चूक कर सकती हैं। इस प्रकार की चूक से ये (उत्पादक कंपनियां) एनपीए में तब्दील होंगी।’’ मंत्री ने लिखा है, ‘‘यह भी आशंका है कि नवीकरणीय बिजली उत्पादक वितरण कंपनियों के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के पास जा सकती हैं।’’ उन्होंने लिखा है, ‘‘मामले की गंभीरता को देखते हुए आपसे अपनी वितरण कंपनियों को नवकरणीय बिजली उत्पादकों के बकाये की वापसी के लिये निर्देश देने का आग्रह है।’’ इसके अलावा सिंह ने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के ऊपर सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन (सेकी) के राज्यों के ऊपर क्रमशः 243 करोड़ रुपये और 112 करोड़ रुपये के बकाये का भुगतान का भी आग्रह किया है।