राजनैतिकशिक्षा

यूक्रेन पर नाटो अब क्या करेघ्

.वेद प्रताप वैदिक.

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

भारत सरकार के उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ तीन मंत्री जिस तरह हजारों छात्रों को यूक्रेन से सुरक्षित वापिस ला रहे हैंए वह अत्यंत सराहनीय है लेकिन दुर्भाग्य है कि यूक्रेन पर रूसी हमला लंबा खिंचता चला जा रहा है। उसे बंद करवाने की ठोस पहल कोई भी राष्ट्र नहीं कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन अपने भाषणों में पूतिन की निंदा कर रहे हैं लेकिन वे यह भूल रहे हैं कि इस हमले को उकसाने का असली जिम्मेदार अमेरिका ही है। यदि वह यूक्रेन को नाटो में शामिल करने के लिए नहीं उकसाता तो इस रूसी हमले की नौबत ही नहीं आती।

यूक्रेनी राष्ट्रपति झेलेंस्की की औपचारिक अर्जी के बावजूद यूरोपीय संघ अभी तक मौन है। वह उसे अपना सदस्य बनाकर उसकी रक्षा के लिए अपनी फौज क्यों नहीं भेज रहा हैघ् अब संयुक्तराष्ट्र महासभा ने भी 141 वोटों से रूस की भर्त्सना कर दी है। लेकिन यह भर्त्सना निरर्थक है। क्या इससे रूस सहम गया हैघ् हमला तो जारी है। यहां आश्चर्य की बात यही है कि इस मतदान में चीनए भारत और पाकिस्तानकृ तीनों ने अपना वोट नहीं दिया। तीनों ने परिवर्जन ;एब्सटैनद्ध किया।

याने तीनों राष्ट्र अपने.अपने राष्ट्रहित की सुरक्षा में लगे हुए हैं। तीनों रूस और अमेरिका में से किसी का भी गुस्सा मोल लेना नहीं चाहते। जैसा कि मैंने हफ्ते भर पहले लिखा थाए रूस शायद तब तक चैन से नहीं बैठेगाए जब तक वह यूक्रेन में अपनी कठपुतली सरकार कायम नहीं करवा देगा। बेलारूस में यूक्रेन और रूस का पहला संवाद अधूरा रह गया थाए अब दूसरा संवाद आज शुरु होगा। ऐसी स्थिति में रूस यह मांग भी रख रहा है कि यूक्रेन में फलां.फलां अस्त्र नाटो तैनात न करे।

यह तो सबको पता है कि यूक्रेन में चेर्नोबिल का प्रसिद्ध परमाणु.केंद्र था लेकिन रूस ने यूक्रेन को परमाणुमुक्त करवा लिया था। अगर यूक्रेन के पास आज परमाणु शस्त्रास्त्र होते तो क्या पूतिन की उस पर हमला करने की हिम्मत पड़तीघ् इस समय पश्चिमी राष्ट्रों का कर्तव्य है कि पूतिन की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करें और रूस को आश्वस्त करें कि वे यूक्रेन को अपना मोहरा नहीं बनाएंगे।

यदि वे ऐसा करें तो यह विनाशकारी युद्ध तत्काल बंद हो सकता है। भारत अपने छात्रों को निकाल लाने का उद्यम जिस लगन के साथ कर रहा हैए वही लगन वह इस हमले को रुकवाने में दिखाए तो उसके परिणाम चमत्कारी हो सकते हैं।

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