वायु प्रदूषण: निर्माण मजदूरों ने अनुग्रह राहत योजनाओं के लिए न्यायालय का रुख किया
नई दिल्ली, 17 नवंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। निर्माण मजदूरों के एक संगठन ने धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए एनसीआर राज्यों द्वारा निर्माण गतिविधियों पर अचानक लगाए प्रतिबंध के कारण आय को होने वाला नुकसान झेलने वाले दिहाड़ी मजदूरों के लिए अनुग्रह राहत योजनाएं लाने का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है।
‘नेशनल कैम्पेन कमिटी फॉर सेंट्रल लेजिस्लेशन ऑन कंसट्रक्शन लेबर’ नामक संगठन ने अपनी याचिका में कहा है कि निर्माण गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना ‘‘तर्कहीन, मनमाना और मनमौजी’’ है।
ऐसा आरोप है कि 2,700 करोड़ रुपये का समर्पित कोष होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार उस अवधि के लिए निर्माण मजदूरों के वास्ते अनुग्रह राहत योजना नहीं बना पायी जब ‘‘अचानक पूर्ण प्रतिबंधों’’ के कारण उन्हें काम छोड़ना पड़ता है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘दिल्ली और हरियाणा सरकार गतिविधियों के कारण हो रहे प्रदूषण का आकलन और पहचान करने में नाकाम रही है। ऐसा माना जाता है कि प्रतिबंध केवल ध्वस्त और उत्खनन जैसी गतिविधियों तक ही सीमित होना चाहिए। इस तरह के पूर्ण प्रतिबंध निर्माण मजदूरों के अधिकारों और लाखों आजीविकाओं को अनावश्यक रूप से रौंदते हैं जबकि वायु प्रदूषण कम करने में इससे जरा भी मदद नहीं मिलती है।’’