राजनैतिकशिक्षा

एक्सप्रेस वे के औद्योगिक गलियारे

-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री-

-: ऐजेंसी सक्षम भारत :-

विगत साढ़े चार वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश में ढांचागत व अन्य निर्माण के रिकार्ड कायम हुए हैं। इसमें एक्सप्रेस वे और कनेक्टिविटी भी शामिल है। औद्योगिक विकास के लिए इन सुविधाओं का विस्तार अपरिहार्य होता है।

इसके साथ ही बिजली की उपलब्धता, कानून व्यवस्था की सुदृढ़ स्थिति, सिंगल विंडो की पारदर्शी व्यवस्था, भूमि बैंक की स्थापना आदि भी आवश्यक होते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस वे को औद्योगिक विकास और प्रगति से जोड़ दिया है। उन्होंने एक्सप्रेस वे निर्माण मात्र को ही पर्याप्त नहीं माना। इनकी वास्तविक उपयोगिता औद्योगिक विकास से ही हो सकती है। वर्तमान सरकार इसी मान्यता के आधार पर एक्सप्रेस वे का निर्माण करा रही है।

योगी आदित्यनाथ एक्सप्रेस वे को उद्योग से जोड़कर चल रहे हैं। इससे इनके निकट के गांव, कस्बे और नगर सभी को लाभ होगा। योगी की योजना में एक्सप्रेस वे केवल प्रमुख महानगरों को जोड़ने की कवायद नहीं है। यह प्रदेश के औद्योगिक विकास को भी बढ़ाने में सहायक होंगे। इसके दृष्टिगत निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे के समानांतर लैंड बैंक भी स्थापित हो रहे हैं। डिफेंस एक्सपो व इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के समय से ही यह योजना आगे बढ़ रही है। इसके अलावा प्रत्येक पचास किमी पर यात्री सुविधा के लिए ढांचागत निर्माण किया जाएगा। एकबार फिर योगी आदित्यनाथ ने एक्सप्रेस वे के आसपास के क्षेत्रों को औद्योगिक विकास एवं व्यावसायिक उपयोग के रूप में पहले से ही चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही दुर्घटनाओं की न्यूनतम आशंका के लिए भी प्रारंभ से ही उपाय किए जाएंगे।

पहले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए एक इंच भूमि का अधिग्रहण नहीं किया गया था। यह कार्य वर्तमान सरकार किया। यह पूर्व निर्धारित लागत से कम पर बन रहा है। पहले इसकी लागत ज्यादा आ रही थी। इसके अलावा जिला व तहसील संपर्क मार्गों को फोर लेन बनाने, हवाई यात्रा सुविधा बढ़ाने का उल्लेखनीय कार्य हुआ है। पहले दो हवाई अड्डे प्रयोग में थे। इनकी संख्या नौ हो गई है। ग्यारह हवाई अड्डों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। जेवर में स्थापित किये जा रहे नोएडा अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की परियोजना विश्व की सौ सर्वश्रेष्ठ परियोजनाओं में शामिल है। मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण भी चल रहा है। पांच एक्सप्रेस वे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाई प्रदान करेंगे। सभी जनपदों में बिना भेदभाव के विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा प्रदेश में कई अन्य एक्सप्रेस वे, जिनमें बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे, गंगा एक्सप्रेस वे तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे शामिल हैं, इन पर कार्य चल रहा है।

अब उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं है। प्रदेश में फिल्म सिटी का विकास पीपीपी मोड पर किया जा रहा है। यह उत्कृष्ट और अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को देश की नंबर वन इकोनॉमी बनाने के लिए कटिबद्ध है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले छठवें स्थान पर थी आज दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरी है। निवेश का बेहतर वातावरण वर्तमान सरकार ने तैयार किया है। पहले उत्तर प्रदेश ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में देश में चैदहवें स्थान पर था। आज सरकार की नीतियों से दूसरे स्थान पर आ गया है। पांच वर्ष पहले उत्तर प्रदेश का केन्द्र की किसी योजना में स्थान नहीं होता था। आज केन्द्र सरकार की पैंतालीस योजनाओं में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनवाये गये हैं। इसी तरह उज्ज्वला, सौभाग्य,उजाला,पीएम किसान सम्मान निधि में भी उत्तर प्रदेश ने बेहतर कार्य किया है।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण बुंदेलखंड क्षेत्र के लिए लाभप्रद है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत बुंदेलखंड तथा विन्ध्य क्षेत्र में हर घर नल योजना प्रारंभ की गयी है। पहले सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन दयनीय होता था। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चार वर्षों में उत्तर प्रदेश के ओवर ऑल परसेप्शन को बदल दिया है। प्रदेश सरकार ने पूर्ववर्ती व्यवस्था में रिफॉर्म करके, परफॉर्म करते हुए ट्रांसफॉर्म किया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना जैसी योजनाएं प्रदेश में लागू हुईं। जिससे किसानों को कृषि कार्य में काफी मदद मिली है। उत्तर प्रदेश में बीस नये कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की गयी है। प्रधानमंत्री किसान सिंचाई योजना के अन्तर्गत दशकों से लंबित परियोजनाओं को पूरा किया गया है। ग्यारह लम्बित सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराया गया। जिनसे करीब सवा दो लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है। तीन सौ इकतालीस किमी लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण महत्वपूर्ण अवसर है। कुछ समय बाद दो सौ सत्तानबे किमी लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का भी लोकार्पण होगा। पांच सौ चैरानवे किमी लंबे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा। इक्यानवे किमी लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का काम जारी है। इसी प्रकार बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे भी बन रहा है।

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया गया है। इसके अंतर्गत चैदह हजार किमी से अधिक सड़कों का चैड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण किया गया है। तीन लाख पचास हजार किमी सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है। एक सौ चैबीस लंबे ब्रिज,चैवन रेल फ्लाइओवर के काम पूरे हुए हैं। दस महानगर जिनमें नोएडा, लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर, आगरा, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज एवं झांसी में मेट्रो रेल परियोजना पर काम चल रहा है।

जाहिर है कि व्यापक प्रयासों से उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास के मार्ग पर अग्रसर है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार का संकल्प लिया था। इसके अनुरूप प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने ही पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास किया था। संयोग यह है कि उन्हीं के द्वारा इसका लोकार्पण किया गया। एक्सप्रेस वे के दोनों किनारों पर औद्योगिक गलियारे बनाए जाएंगे। यहां विभिन्न प्रकार के उद्योग स्थापित होंगे। लाजिस्टिक सुविधा बेहतर होने से स्थानीय कारोबारियों, छोटे व्यापारियों आदि को भी लाभ होगा। पूर्वांचल के छोटे-छोटे जिलों से अब लखनऊ और दिल्ली की दूरी घट गई है। दस घंटे का सफर महज साढ़े तीन से चार घंटे में तय किया जा सकेगा। इस पूर्वांचल एकसप्रेस वे का लाभ बिहार के सीमावर्ती जिलों को भी सीधे मिल सकेगा।

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