देश दुनियानई दिल्ली न्यूज़

पोंजी योजनाः प्रवर्तन निदेशालय ने बेंगलुरू में 35.70 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

नई दिल्ली, 03 नवंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। बेंगलुरू से संचालित एक पोंजी योजना की जांच के सिलसिले में धन शोधन रोधी कानून के तहत 35.70 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। इस योजना के तहत कथित तौर पर बड़ी संख्या में लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

विक्रम इन्वेस्टमेंट्स एंड एसोसिएट्स के नाम से बेंगलुरू में जमीन, कार्यालयों और आवासीय फ्लैटों और 1.49 करोड़ रुपये के बैंक तथा सावधि जमा जब्त करने के लिए धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अंतरिम आदेश जारी किया गया।

बेंगलुरू पुलिस की मार्च 2018 की एक प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था।

पुलिस ने दावा किया था, ‘‘राघवेंद्र श्रीनाथ, के पी नरसिम्हामूर्ति, एम प्रह्लाद, के सी नागराज और सतराम सुरेश समेत विक्रम इन्वेस्टमेंट्स के साझेदारों और अन्य सहयोगियों ने लोगों को कंपनी में निवेश करने और बदले में अच्छी रकम पाने का झांसा देकर उनके साथ धोखाधड़ी की।’’

ईडी ने एक बयान में कहा, ‘‘कंपनी का काम करने का तरीका कुछ इस तरह था कि उसके लोग ग्राहकों को वायदा बाजार के नाम पर एक साल में 30 से 35 प्रतिशत तक का मुनाफा होने की बात कहकर उनसे पैसा इकट्ठा करते थे।’’

ईडी के अनुसार इस कंपनी का भारतीय रिजर्व बैंक समेत किसी नियामक एजेंसी के तहत पंजीकरण नहीं हुआ है।

बयान के अनुसार, ‘‘उन्होंने ग्राहकों को वादे के अनुसार पहली किश्त दी। इससे उन्होंने ग्राहकों का विश्वास जीता और उन्हें ज्यादा से ज्यादा निवेश करने के लिए लुभाया। बाद में उन्होंने पैसा लौटाना बंद कर दिया।’’

एजेंसी ने बताया कि इस योजना से भारी-भरकम मुनाफा कमाने की उम्मीद में कई जानेमाने लोगों ने भी निवेश किया।

जांच में सामने आया कि कंपनी इस काम में एलआईसी के एजेंट और अन्य लोगों का इस्तेमाल करती थी जो अपने मिलने और जानने वालों को निवेश के लिए मनाते थे। इस काम के ऐवज में उन्हें अच्छा खासा कमीशन दिया जाता था।

ईडी के अनुसार प्रारंभिक जांच में सामने आया कि योजना में करीब 2,420 लोगों ने निवेश किया और कुल निवेश करीब 417 करोड़ रुपये का था जिसमें से 331 करोड़ रुपये मुनाफे के तौर पर ग्राहकों को दिए गए और बाकी 86 करोड़ रुपये का राघवेंद्र श्रीनाथ और उसके साथियों ने गबन कर दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *