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दिग्विजय सिंह ने आरएसएस की तुलना तालिबान से की

नई दिल्ली, 10 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। कामकाजी महिलाओं के बारे में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तुलना तालिबान से की। सिंह भागवत की उस टिप्पणी पर टिप्पणी कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि पुरुष कमाने वाले हैं और महिलाएं गृहिणियां हैं।

दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि क्या कामकाजी महिलाओं पर तालिबान और आरएसएस के विचार समान नहीं हैं? इस हफ्ते यह दूसरी बार है जब आतंकी संगठन की तुलना आरएसएस से की गई है। सिंह ने गीतकार जावेद अख्तर का समर्थन और बचाव किया है और मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि सभी को बोलने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में ऐसा कहा था। लेकिन हमारे संविधान ने हमें खुद को व्यक्त करने का अधिकार दिया है।

दिग्विजय आरएसएस के कटु आलोचक हैं। वह अधिकतर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की आलोचना करते रहे हैं और आरोप लगाते है कि संगठन झूठ और नकली आख्यान फैलाकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों को विभाजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब हिंदुओं और मुसलमानों का डीएनए एक है तो लव जिहाद जैसे मुद्दे क्यों उठाए गए? डीएनए स्टेटमेंट भी मोहन भागवत ने ही दिया था।

रिपोटरें के अनुसार, बॉलीवुड-गीतकार अख्तर ने कहा था कि उन्होंने तालिबान और आरएसएस के बीच एक असाधारण समानता देखी, जैसे जैसे तालिबान एक इस्लामिक स्टेट चाहता है, वैसे ही भारत में आरएसएस हिंदू राष्ट्र चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि दुनिया भर में दक्षिणपंथी एक ही चीज चाहते हैं। जावेद अख्तर ने कुछ टीवी चैनलों के हवाले से कहा कि जैसे तालिबान एक इस्लामिक स्टेट चाहते हैं, वैसे ही हिंदू राष्ट्र चाहते हैं। ये लोग एक ही मानसिकता के हैं।

भाजपा ने अख्तर के बयान की आलोचना की थी, जबकि उन्हें 150 नामी लोगों का समर्थन मिला था। विभिन्न क्षेत्रों के 150 से अधिक नागरिकों ने बॉलीवुड की प्रमुख हस्तियों जावेद अख्तर और नसीरुद्दीन शाह एक हस्ताक्षरित बयान में, नागरिकों ने कहा कि हम अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के संदर्भ में लेखक और कवि जावेद अख्तर द्वारा मीडिया को दिए गए हालिया साक्षात्कार का स्पष्ट रूप से समर्थन करते हैं।

 

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