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नारायण राणे प्राथमिकियों के खिलाफ उच्च न्यायालय पहुंचे, गिरफ्तारी से सुरक्षा का अनुरोध किया

नई दिल्ली, 24 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती देते हुए मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध किया। अधिवक्ता अनिकेत निकम के माध्यम से दाखिल राणे की याचिका में प्राथमिकी रद्द करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राणे ने गिरफ्तारी या किसी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अंतरिम आदेश का भी अनुरोध किया। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जमादार की पीठ के समक्ष दाखिल याचिका में मंगलवार को ही तत्काल सुनवाई की मांग की गई। हालांकि, पीठ ने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि (याचिका का) उल्लेख करने की अनुमति नहीं है। पीठ ने कहा कि वकील को प्रक्रिया का पालन करना होगा। अदालत ने कहा, ‘‘रजिस्ट्री विभाग के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए एक अर्जी दाखिल करें और फिर हम विचार करेंगे।’’ याचिका में राणे के खिलाफ पुणे, नासिक और रायगढ़ के महाड में दर्ज प्राथमिकियों को चुनौती दी गई है। मुख्यमंत्री ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी कर राणे विवादों में घिर गए हैं। राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’ मुख्यमंत्री के खिलाफ टिप्पणी को लेकर प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद नासिक के पुलिस आयुक्त दीपक पांडे ने मंगलवार को राणे की तत्काल गिरफ्तारी का आदेश जारी किया।

 

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