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इतिहास रचने के बाद भारतीय महिलाओं की निगाह अब पहले ओलंपिक हॉकी फाइनल पर

तोक्यो, 03 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय महिला हॉकी टीम पहले ही इतिहास रच चुकी है और अब उसका लक्ष्य तोक्यो ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को हराकर अपनी उपलब्धियों को चरम पर पहुंचाना होगा।

भारत की आत्मविश्वास से भरी 18 सदस्यीय महिला टीम ने सोमवार को तीन बार के चैंपियन आस्ट्रेलिया को 1-0 से हराकर पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर ने 22वें मिनट में भारत को मिले एकमात्र पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ। इस मैच से पहले सभी परिस्थितियां रानी रामपाल की अगुवाई और सोर्ड मारिन की कोचिंग वाली टीम के खिलाफ थी।

भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन मास्को ओलंपिक 1980 में रहा था जब वह छह टीमों में चैथे स्थान पर रही थी। महिला हॉकी ने तब ओलंपिक में पदार्पण किया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गये थे जिसमें शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें फाइनल में पहुंची थी।

बुधवार को भारतीय महिलाएं उस उपलब्धि से आगे निकलकर पहली बार ओलंपिक फाइनल में पहुंचने की कोशिश करेंगी।

भारतीय पुरुष टीम सेमीफाइनल से आगे बढ़ने में नाकाम रही और अब सभी की निगाहें महिलाओं पर टिकी हैं। पुरुष टीम अंतिम चार के मुकाबले में बेल्जियम से 2-5 से हार गयी।

भारतीय महिला टीम यहां के अपने प्रदर्शन से रैकिंग में सातवें स्थान पर पहुंच गयी है जो उसकी अभी तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है।

लेकिन उसका सामना विश्व में नंबर दो अर्जेंटीना से होगा जो कि पांच साल पहले रियो खेलों में चूकने के बाद ओलंपिक में सफलता हासिल करने के लिये बेताब है।

गोलकीपर सविता की अगुवाई में भारतीय रक्षापंक्ति ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया और अपने एकमात्र गोल का अच्छी तरह से बचाव किया। गुरजीत, दीप ग्रेस एक्का, मोनिका और उदिता को लैस लियोन्स जैसी खिलाड़ियों को रोकने के लिये इसी तरह के प्रयास जारी रखने होंगे।

अर्जेंटीना की महिला टीम ने सिडनी 2000 और लंदन 2012 में रजत पदक जीता था लेकिन अभी तक स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर पायी है। वह 2012 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची है। उसने क्वार्टर फाइनल में 2016 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता जर्मनी को 3-0 से हराया था।

भारतीय टीम ने हालांकि लगातार तीन हार के बाद लगातार तीन जीत दर्ज की हैं और वह आत्मविश्वास से भरी है।

इन दोनों टीमों के बीच हाल के रिकार्ड को देखा जाए तो अर्जेंटीना का पलड़ा भारी लगता है। इस वर्ष ओलंपिक से पहले भारतीय महिलाओं ने अर्जेंटीना का दौरा किया था। भारत ने वहां सात मैच खेले। इनमें से अर्जेंटीना की युवा टीम के खिलाफ उसने दोनों मैच 2-2 और 1-1 से ड्रा कराये।

भारत इसके बाद अर्जेंटीना की बी टीम से खेला जिसमें उसे 1-2 और 2-3 से हार झेलनी पड़ी। अर्जेंटीना की सीनियर टीम के खिलाफ उसने पहला मैच 1-1 से ड्रा खेला लेकिन अगले दो मैच 0-2 और 2-3 से हार गया।

भारतीय कप्तान रानी ने आस्ट्रेलिया पर जीत के बाद कहा था, ‘‘हमने सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास बना दिया है और अब हम सेमीफाइनल से आगे के बारे में सोच रहे हैं, क्योंकि हम यहीं पर नहीं रुकना चाहते हैं।’’

 

 

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