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कार खरीदने के नाम पर स्टेट बैंक से 10 लाख रुपये का लोन लेकर लगाया चूना

नई दिल्ली, 11 अगस्त (सक्षम भारत)। कार खरीदने के नाम पर स्टेट बैंक से 10 लाख रुपये का कर्ज लेकर ठगी करने के आरोप में न्यू फ्रेंड्स कालोनी थाना पुलिस ने नोएडा फेस-2 थाने में तैनात होम गार्ड समेत दो आरोपितों को शनिवार रात गिरफ्तार किया है. आरोपितों की पहचान होम गार्ड, कस्बा-बिलासपुर, दनकौर, गौतमबुद्ध नगर निवासी कामिल (37) और अंसार खान (25) के रूप में हुई है. ठगी की वारदात में डीसीबी बैंक का एक ब्रांच मैनेजर रंजीत सिंह भी शामिल है. फिलहाल रंजीत सिंह व उसका दूसरा साथी राजीव भाटी फरार हैं. पुलिस की टीमें उनकी तलाश कर रही हैं. पुलिस पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही हैं.

दक्षिण-पूर्व जिले के डीसीपी चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि वर्ष 2018 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया मथुरा रोड शाखा के अधिकारियों ने बैंक से ठगी की शिकायत की थी. अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2013 में किसी कामिल नामक व्यक्ति ने बैंक से कार खरीदने के लिए 10 लाख रुपये का कर्ज लिया था. शुरूआत में कार की तीन किस्त अदा करने के बाद आरोपित ने कोई किस्त नही दी. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के लिए एसीपी जगदीश यादव, इंस्पेक्टर राजेश कुमार मिश्रा व अन्यों की टीम को लगाया गया. छानबीन में पता चला कि आरोपित कामिल ने खुद को एलजी कंपनी का मैनेजर बताकर बैंक में खाता खोला, उसके बाद फर्जी कागजातों के आधार पर कर्ज प्राप्त कर लिया.

कर्ज लेने के बाद एसबीआई से मिले डिमांड ड्रॉफ्ट को ग्रेटर कैलाश स्थित बैंक में एक करंट अकाउंट में डालकर रकम को निकाली गई. पुलिस ने डीसीबी बैंक के खाते ही जांच की तो वह भी फर्जी निकला. लंबी जांच के बाद पुलिस ने पांच अगस्त को कामिल और अंसार को दनकौर स्थित घर से दबोच लिया. पूछताछ के दौरान आरोपितों ने ठगी में राजीव भाटी और रंजीत सिंह का भी नाम बताया. दोनों फिलहाल अभी फरार चल रहे हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि पार्ट टाइम प्रॉपर्टी का काम करने वाला कामिल नोएडा फेस-2 थाने में होमगार्ड है. पुलिस दोनों से पूछताछ कर फरार आरोपितों का पता लगाने का प्रयास कर रही हैं.

आरोपित होम गार्ड कामिल राजीव भाटी के साथ प्रॉपर्टी का कारोबार करता था. दोनों ने रंजीत भाटी नामक व्यक्ति के साथ मिलकर ठगी की योजना बनाई. रंजीत भाटी डीसीबी बैंक की एक शाखा में ब्रांच मैनेजर था. 2013 में इन लोगों ने फर्जी कागजातों के आधार पर पहले कामिल के गांव के रहने वाले अंसार का न्यू फ्रेंड्स कालोनी बैंक में बचत खाता खुलवाया. इसके बाद आरोपितों ने नामी कार कंपनी के नाम से ग्रेटर नोएडा में दफ्तर दिखाकर एक कंपनी बनाई. इससे पूर्व आरोपित ने एक बचत खाता डीसीबी बैंक ग्रेटर कैलाश में खोला. बाद में इसी बचत खाते के आधार पर एक करंट अकाउंट खोल लिया. एसबीआई से कर्ज का डीडी लेकर उस रकम को फर्जी कंपनी के नाम से खोले गए करंट अकाउंट में डाल दिया गया. चार-पांच दिन में रकम को निकाल लिया गया. इन सारे कामों में रंजीत ने इन सबकी मदद की. पुलिस पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही हैं.

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