तम्बाकू और धूम्रपान करने वाले लोगों को कोरोना से 50 फीसदी ज्यादा जोखिम, शरीर के हर अंग पर होगा दुष्प्रभाव
नई दिल्ली, 31 मई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने बताया कि तम्बाकू और खासकर धूम्रपान करने वाले लोगों को कोविड के कारण होने वाले घातक परिणामों जिसमें मृत्यु भी शामिल है का 40-50 फीसदी ज्यादा जोखिम होता है। इससे सिर्फ फेफड़े, हृदय और कैंसर जैसी बीमारियां ही नहीं बल्कि शरीर के हर अंग पर दुष्प्रभाव पड़ता है। फेफड़े का कैंसर लोगों में काफी आम है और दुनिया भर में कैंसर से संबंधित मौतों का एक प्रमुख कारण भी यही है। दुनियाभर में कैंसर के जितने भी मामले हैं, उनमें से 13 फीसदी फेफड़े के कैंसर से संबंधित है और कैंसर से संबंधित 19 प्रतिशत मौतों के लिए भी यही जिम्मेदार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा भारत में हर वर्ष लगभग 13,00,000 के करीब मौतें तम्बाकू और धूम्रपान के कारण होती हैं जो लगभग 3,500 मौतें प्रतिदिन है। खासकर भारत में पिछले वर्षों के अध्ययन बताते हैं कि तम्बाकू का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 6 फीसदी कमी आई है। यह 34.6 फीसदी से 28.6 फीसदी हो गया है।