पल्लवी आर्ट्स द्वारा पद्मश्री कवि जगदीश चतुर्वेदी को भावभीनी श्रद्धांजलि
नई दिल्ली l (साहिल गौड़ )पल्लवी आर्ट्स के तत्वावधान में हिन्दी साहित्य जगत के अमर हस्ताक्षर, पद्मश्री सम्मानित प्रख्यात कवि, लेखक एवं अकविता आंदोलन के प्रणेता श्री जगदीश चतुर्वेदी की दसवीं पुण्यतिथि अत्यंत भावभीने वातावरण में मनाई गई। इस अवसर पर देशभर से आए अनेक प्रतिष्ठित कवियों, लेखकों, साहित्यकारों और अध्येताओं ने उपस्थित होकर उन्हें अपनी गहन श्रद्धांजलि अर्पित की l कार्यक्रम की शुरुआत उनके चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। तत्पश्चात कवि सम्मेलन एवं विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें विद्वानों ने उनके समृद्ध साहित्यिक योगदान और मानवीय संवेदनाओं पर विस्तार से विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर चतुर्वेदी जी की छः रचना खण्डों का विमोचन भी किया गया, जिन्हें साहित्य जगत ने उत्साह और गर्व के साथ स्वीकार किया। वक्ताओं ने कहा कि उनकी रचनाएँ केवल कविता नहीं, बल्कि सामाजिक यथार्थ की जीवंत दस्तावेज हैं। उन्होंने अकविता को केवल साहित्यिक आंदोलन ही नहीं, बल्कि मानव संवेदना का दर्पण बनाया। उनके काव्य में आमजन की पीड़ा, आशा, संघर्ष और आत्मविश्वास की झलक मिलती है।
वरिष्ठ कवयित्री एवं पल्लवी आर्ट्स की संस्थापिका अनुभूति चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में कहा –
“जगदीश जी का समग्र कृतित्व भारतीय साहित्य का धरोहर है। उनकी कविताओं में जो सहजता, गहनता और सत्य की अभिव्यक्ति है, वह पीढ़ियों तक साहित्यकारों और पाठकों का मार्गदर्शन करती रहेगी।”
इस श्रद्धांजलि समारोह में उपस्थित सभी कवि एवं लेखकों ने एक स्वर से माना कि चतुर्वेदी जी का साहित्य आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना उनके जीवनकाल में था। वे केवल कवि नहीं थे, बल्कि विचारक, मार्गदर्शक और सामाजिक सरोकारों से जुड़े कर्मठ साहित्य साधक थे।
कार्यक्रम का समापन कवियों की स्वरांजलि और उपस्थित जनों की भावभीनी श्रद्धांजलि के साथ हुआ। पूरा वातावरण कवि चतुर्वेदी जी की साहित्यिक विरासत और मानवीय मूल्यों की स्मृतियों से गूंजता रहा।