स्टॉक मार्केट में ब्रिगेड होटल वेंचर्स की कमजोर शुरुआत, घाटे में आईपीओ निवेशक
नई दिल्ली, 31 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। देश के अलग अलग शहरों में होटल बनाने वाली रियल एस्टेट डेवलपर कंपनी ब्रिगेड होटल वेंचर्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में कमजोर एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को काफी निराश किया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 90 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज बीएसई पर इसकी एंट्री 82 रुपये के स्तर पर और एनएसई पर 81.10 रुपये के स्तर पर हुई। इस तरह लिस्टिंग के साथ ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को करीब 9 प्रतिशत का नुकसान हो गया। हालांकि लिस्टिंग के बाद लिवाली शुरू हो जाने के कारण कंपनी के शेयर की स्थिति में कुछ सुधार भी हुआ। दोपहर 12 बजे तक का कारोबार होने के बाद ब्रिगेड होटल वेंचर्स के शेयर 86.03 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे थे। इस तरह दिन के पहले सत्र के कारोबार के बाद कंपनी के आईपीओ निवेशक 4.41 प्रतिशत के नुकसान में थे।
ब्रिगेड होटल वेंचर्स का 759.60 करोड़ रुपये का आईपीओ 24 से 28 जुलाई के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से एवरेज रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 4.76 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 5.74 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसी तरह नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 2.03 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसके अलावा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 6.83 गुना और एंप्लॉयीज के लिए रिजर्व पोर्शन 0.99 गुना सब्सक्राइब हुए थे। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 8.44 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी अपने पुराने कर्ज को चुकाने, प्रमोटर कंपनी बीईएल से जमीन खरीदने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो प्रॉस्पेक्टस में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 3.09 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था, लेकिन अगले वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी मुनाफे में आ गई। इस साल कंपनी को 13.14 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ, जबकि 2024-25 में शुद्ध लाभ उछल कर 23.66 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी का राजस्व 14 प्रतिशत वार्षिक से अधिक की चक्रवृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़ कर 470.68 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।