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एनईएसओ ने पूर्वोत्तर से अफस्पा हटाने और आईएलपी लागू करने की मांग की

दीमापुर (नगालैंड), 12 अप्रैल (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। पूर्वोत्तर क्षेत्र में छात्रों के शीर्ष संगठन ‘नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन’ (एनईएसओ) ने पूरे क्षेत्र से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) हटाने और ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) लागू करने की मांग की है।

एनईएसओ के अध्यक्ष सैमुअल बी ज्येवरा ने मंगलवार को दीमापुर में एक संवाददाता सम्मेलन में मांग की कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) आयोजित नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि इस क्षेत्र के विद्यार्थी कई पहलुओं पर देश के अन्य हिस्सों के छात्रों से पीछे हैं।

एनईएसओ के सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने क्षेत्र में और तकनीकी तथा गैर-तकनीकी संस्थानों की स्थापना की मांग की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचाना कर उन्हें निर्वासित किया जाए।

भट्टाचार्य ने कहा, “एनईएसओ संशोधित नागरिकता अधिनियम के कार्यान्वयन का विरोध करता है।”

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र ने अफस्पा के कारण ‘काफी अत्याचार’ का सामना किया है और कानून के चलते चार दिसंबर 2021 को नगालैड के मोन जिले के ओटिंग में 13 दिहाड़ी मजदूरों की जान ले ली गई थी।

भट्टाचार्य ने कहा, “अफस्पा से हमें नुकसान हुआ है और इसे पूर्वोत्तर से पूरी तरह से हटा देना चाहिए।”

एनईएसओ सलाहकार ने यह भी मांग की कि मूल निवासियों की सुरक्षा के लिए ‘इनर लाइन परमिट’ (आईएलपी) को पूरे क्षेत्र में लागू किया जाए।

एनईएसओ के पदाधिकारी अपनी मांगों को लेकर जल्द केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से मिल सकते हैं।

 

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