व्यापार

अमेरिका, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड और अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर बातचीत प्रगति पर : गोयल

नई दिल्ली , 14 नवंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत इस समय अमेरिका, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड, ओमान, पेरू और चिली जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत कर रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर व्यापार बाधाओं को कम करने से वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी के मुक्त प्रवाह को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

गोयल ने विशाखापत्तनम में सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2025 को संबोधि‍त करते हुए यह बात कही। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) को नई दिल्ली के ‘भारत मंडपम’ की तरह एक विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर ‘आंध्र मंडपम’ विकसित करने के लिए राज्य सरकार के साथ हाथ मिलाकर खुशी होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंध्र मंडपम राज्य के नेतृत्व, दूरदर्शिता और प्रतिभा के अनुरूप एक विश्वस्तरीय कन्वेंशन सेंटर, आंध्र प्रदेश के बढ़ते कद को प्रतिबिंबित करेगा।

पीयूष गोयल ने अपने संबोधन में वैश्विक सहयोग बढ़ाने के लिए 3 प्रमुख सुझाव दिए, जिसमें-दोतरफा निवेश को सुगम बनाना, प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करना और विश्वास का निर्माण और उसे बनाए रखना शामिल है। गोयल ने भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार वार्ताओं पर महत्वपूर्ण अपडेट साझा किए, जिसमें अमेरिका, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड, ओमान, पेरू और चिली जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर चल रही चर्चाओं पर प्रकाश डाला।

सीआईआई पार्टनरशिप समिट 2025 में गोयल ने कहा कि हम वर्तमान में यूरोपीय संघ, अमेरिका, ओमान, न्यूज़ीलैंड, चिली और पेरू के साथ बातचीत कर रहे हैं, और कई अन्य देश हमारे साथ चर्चा शुरू करने के लिए उत्सुक हैं। उन्हों ने कहा कि भारत पहले ही संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया और 4 देशों के यूरोपीय समूह, ईएफटीए सहित कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुका है।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ये समझौते वैश्विक स्तर पर व्यापार बाधाओं को कम करने और वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी के निर्बाध आवागमन को बढ़ावा देने के भारत के व्यापक उद्देश्य का हिस्सा हैं। इसके अलावा गोयल ने भारत में व्यापार को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को रेखांकित किया। उन्होंरने बताया कि केंद्र ने 42 हजार अनुपालनों को हटा दिया है और 1,500 पुराने कानूनों को समाप्त कर दिया है।

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