सत्र से पहले क्यों होती है अप्रिय घटना?
-बीपी गौतम-
-: ऐजेंसी/सक्षम भारत :-
भारत की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों का परछाई की तरह पीछा कर रही थीं, जिससे आतंकियों की रूह तक कांप उठी, इसी दहशत में आतंकियों ने लालकिले के निकट दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अंजाम दे दिया, इस घटना को अंजाम देने वालों के रिश्ते कंधार कांड, पुलवामा कांड और पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं, जिनका खुलासा जांच एजेंसियां कर ही देंगी लेकिन, कई सारे सवालों के साथ एक और बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि संसद के सत्र से पहले अप्रिय घटना क्यों घटित होती है? अप्रिय घटनाओं के पीछे क्या कोई राजनैतिक कारण भी है? क्या देश के अंदर भी कोई षड्यंत्र रचता है?, इन प्रश्नों के उत्तर खोजने की भी आवश्यकता है, इस सबके बीच पुलिस की भी प्रशंसा करना पड़ेगी, जिसने एक पोस्टर के सहारे देश को दहलने से बचा लिया, इसी विषय पर चर्चा कर रहे हैं बीपी गौतम…
फरीदाबाद से आई थी धमाके वाली कार
फरीदाबाद से 10 नवंबर को एक आई 20 कार बदरपुर बॉर्डर को पार कर ओखला होते हुए लाल किले के पास बनी सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में दोपहर 3:19 बजे पहुंची थी, जहां कार तीन घंटे खड़ी रही। शाम 6:22 बजे कार पार्किंग से बाहर निकली। 24 मिनट बाद लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास ट्रैफिक सिग्नल पर कार में धमाका हो गया, इस धमाके के कारण अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हैं, जिनका उपचार चल रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह घायलों से मिले
घटना के तत्काल बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया को बताया कि लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास आई- 20 कार में धमाका हुआ है, इस विस्फोट में कुछ राहगीर घायल हुए और कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हुए। प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कुछ लोगों की जान चली गई है। विस्फोट की सूचना मिलने के 10 मिनट के भीतर दिल्ली क्राइम ब्रांच और दिल्ली स्पेशल ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंच गईं। एनएसजी और एनआईए की टीमों ने एफएसएल के साथ मिलकर अब गहन जांच शुरू कर दी है। आस-पास के सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच के आदेश दिए गए हैं। मैंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त और स्पेशल ब्रांच प्रभारी से भी बात की है। दिल्ली के पुलिस आयुक्त और स्पेशल ब्रांच प्रभारी मौके पर मौजूद हैं। हम सभी संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं और सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पूरी जांच करेंगे। सभी विकल्पों की तुरंत जाँच की जाएगी और हम परिणाम जनता के सामने प्रस्तुत करेंगे। मैं शीघ्र ही घटनास्थल पर जाऊँगा और तुरंत अस्पताल भी जाऊंगा।
इसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने देर रात घटनास्थल पर पहुंचकर हालातों को देखा। उन्होंने कहा कि शीर्ष एजेंसियां पूरी गहनता से जांच कर रही हैं और तह तक जायेंगी, सभी पहलुओं से जांच की जा रही है। किसी भी पहलू को खारिज नहीं किया गया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या यह आतंकी हमला है तो, उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों और एनएसजी ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं। जब तक इन नमूनों की जांच नहीं हो जाती तब तक कुछ भी कहना मुश्किल है। जब तक एजेंसियां सारे सुबूतों का विश्लेषण नहीं कर लेतीं, हम किसी एंगल को खारिज नहीं कर रहे। अमित शाह इससे पहले एलएनजेपी अस्पताल भी गए, जहां घायलों का हाल-चाल लिया। उन्होंने अस्पताल में ही पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक भी की। उन्होंने कहा कि अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। दिल्ली पुलिस, एनआईए, एनएसजी और एफएसएल की टीमों ने जांच शुरू कर दी है और धमाके के सभी तथ्यों का शीघ्र ही खुलासा होगा। घटनास्थल के आस-पास के सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच की जा रही है, उन्होंने अफसरों के साथ उच्च स्तरीय बैठक भी की।
उमर ने गिरफ्तारी के डर से किया ब्लास्ट
लाल किले के पास ब्लास्ट करने वाला आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर था। फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का खुलासा होने के बाद उमर गिरफ्तारी के डर से हड़बड़ी में दिल्ली पहुंचा और फिर वहां विस्फोट कर दिया। हालांकि सुरक्षा एजेंसियां सच्चाई का पता लगाने में जुटी हैं और इस सबकी तह तक जाने का प्रयास कर रही हैं।
अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार उमर मोहम्मद कुछ दिन पहले तक फरीदाबाद में ही सक्रिय था। फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का खुलासा होते ही एजेंसियों ने उसकी तलाश तेज कर दी थी। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि धमाके के समय आतंकी उमर कार में अकेला था, उसने अपने साथियों की मदद से कार में पहले से विस्फोटक सामग्री को एक्टिवेट कर लिया था। पुलिस को कार के अंदर शव के चीथड़े मिले हैं। धमाके से पहले के सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति को काले रंग का मास्क पहने कार में बैठते हुए देखा गया था, जिससे माना जा रहा है कि यह व्यक्ति उमर ही है। कार में मिले शव के चीथड़े की डीएनए जांच होने के बाद भी स्पष्ट हो गया है कि मरने वाला उमर ही था, वो तो मर गया पर, ब्लास्ट अकेले उमर नहीं कर सकता, इस प्रक्रिया को अंजाम देने में कई लोगों की मदद ली गई होगी, इन लोगों को अब पुलिस और जांच एजेंसियां चिन्हित करने का प्रयास कर रही हैं।
दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
दिल्ली की कोतवाली पुलिस स्टेशन में गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम की धारा- 16, 18 और विस्फोटक अधिनियम और बीएनएस की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है, इसके बाद मुकदमा एनआईए को सौंप दिया गया।
कई लोगों को बेची गई धमाके वाली कार
धमाके में इस्तेमाल हुई कार आई 20 फरीदाबाद के डीलर से चार दिन पहले ही खरीदी गई थी। डीलर को दिल्ली पुलिस ने तत्काल हिरासत में ले लिया और पूछताछ की। फरीदाबाद के सेक्टर- 37 में रॉयल कार जोन के कार डीलर सोनू का ऑफिस है, इसने ओएलएक्स पर कार सेल करने का विज्ञापन पोस्ट किया था, जिसके बाद कार बेच दी गई थी। कार हरियाणा के गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ के यहां रजिस्टर्ड बताई जा रही है। कार एक साल में सात बार बेची जा चुकी है। कार पर नंबर प्लेट एचआर- 26 सीई 7674 लगी थी, जिसका रजिस्ट्रेशन हरियाणा के गुरुग्राम निवासी सलमान के नाम पर है। पुलिस ने सलमान को तत्काल हिरासत में लेकर पूछताछ की। सलमान ने बताया कि कार ओखला निवासी देवेंद्र को बेच दी थी। देवेंद्र ने कार अंबाला में किसी को बेच दी, जहां से कार पुलवामा निवासी तारिक को बेच दी गई। माना जा रहा है कि तारिक ने कार उमर तक पहुंचाई होगी। पुलवामा में 2019 में आतंकियों ने एक वाहन में विस्फोटक भरकर धमाका किया था, जिसमें 40 जवान बलिदान हुए थे।
खंदावली से बरामद हुई दूसरी कार
धमाके में उपयोग की गई कार के अलावा एक और कार संदिग्ध दिखाई दी, जो संदिग्धों ने उपयोग की थी, इस कार को फरीदाबाद के गांव खंदावली से बरामद कर लिया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि फरीदाबाद पुलिस ने लाल रंग की इको स्पोर्ट डीएल 10 सीके 0458 को बरामद किया है, जिसके दिल्ली ब्लास्ट कांड के मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी से जुड़े होने का संदेह है, इस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर दिल्ली का है, यह कार और धमाके में उपयोग की कार एक साथ देखी गई थीं।
पहले भी हुए हैं कारों से धमाके
कारों से पहले भी बड़े कांड किये गये हैं। 13 सितंबर 2008 को करोल बाग की गफ्फार मार्केट में मारुति 800 में रखे टाइम बम से धमाका किया गया था, जो नोएडा से फर्जी दस्तावेज पर खरीदी गई सेकंड हैंड कार थी, इस कार को विस्फोट से कुछ घंटे पहले ही बाजार के निकट पार्क किया गया था, इस धमाके में 20 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और 90 से अधिक लोग घायल हुए थे, इस घटना की इंडियन मुजाहिद्दीन ने जिम्मेदारी ली थी। गोविंदपुरी में दीपावली के निकट 29 अक्तूबर 2005 को धमाका हुआ था। सरोजिनी नगर, पहाड़गंज और गोविंदपुरी में लगातार तीन धमाके हुए थे, इनमें से एक धमाका गोविंदपुरी में खड़ी सेकेंड हैंड कार में हुआ था, जिसमें टाइमर लगा था, इस कार को फर्जी नाम और पते से खरीदा गया था, इन धमाकों में 59 लोगों की जान गई थी और सौ से अधिक लोग घायल हुए थे। पंजाबी बाग में चलती हुई बस में 30 दिसंबर 1997 को फ्लाईओवर पर धमाका हुआ था। चार यात्रियों की मौत हुई थी व 30 लोग घायल हो गए थे। जांच में पता चला था कि बस को निजी ऑपरेटर से लेकर उसमें बदलाव किया गया था। लालकिला क्षेत्र की पार्किंग में ही 18 जून 2000 को धमाका हुआ था। जांच के बाद संदेह जताया गया कि विस्फोटक टाटा सूमो या, जीप में रखा गया था, जिसे दूर से नियंत्रित कर फोड़ा गया था, इस धमाके में दो लोगों की जान गई थी और लगभग 11 लोग घायल हुए थे। कार जम्मू-कश्मीर से चोरी कर लाई गई थी।
सरकार ने घटना को आतंकी हमला माना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की कैबिनेट बैठक में लाल किले के पास हुए धमाके को आतंकी घटना करार दिया है। कैबिनेट ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और दो मिनट का मौन रखा। बैठक में सरकार ने कहा कि यह कृत्य देश की शांति और एकता पर हमला है। कैबिनेट ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिया कि दोषियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों की पहचान कर शीघ्र कार्रवाई की जाए। सरकार ने आतंकवाद पर अपनी जीरो टॉलरेंस नीति दोहराई। समूचे मंत्रिमंडल ने आतंकी हमले को कायराना और निंदनीय बताते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति पर कायम रहेगा। सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने और जांच में पूरी गंभीरता बरतने के निर्देश दिए। कैबिनेट ने दुनिया के कई देशों द्वारा व्यक्त एकजुटता और समर्थन के संदेशों की सराहना की। बैठक में कहा गया कि संकट की घड़ी में वैश्विक सहयोग भारत की दृढ़ता को और मजबूत करता है। सरकार ने जांच एजेंसियों को निर्देश दिया कि घटना में सम्मिलित सभी आतंकियों, उनके सहयोगियों और प्रायोजकों की पहचान कर शीघ्र गिरफ्तारी की जाए। केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहेगी।
रॉ प्रमुख को सौंपा सुरक्षा सचिव का अतिरिक्त प्रभार
खुफिया एजेंसी रॉ के प्रमुख पराग जैन को सुरक्षा सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। पंजाब कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी जैन ने एक जुलाई को दो साल के कार्यकाल के लिए रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख का कार्यभार संभाला था। रॉ, देश से बाहर काम करने वाली एजेंसी है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने बुधवार को जारी एक आदेश में कहा कि सक्षम प्राधिकारी ने रॉ प्रमुख पराग जैन को कैबिनेट सचिवालय में सचिव (सुरक्षा) पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपने को मंजूरी दे दी है, यह कार्यभार तत्काल प्रभाव से नियमित नियुक्ति होने तक या, अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, लागू रहेगा।
अस्पताल जाकर घायलों से मिले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार सुबह भूटान दौरे से वापस आए, इसके बाद वो एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने सभी घायलों से मुलाकात की, उन्होंने एक्स पर फोटो के साथ लिखा कि दोषियों पर कड़ी कारर्वाई की जायेगी, उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जायेगा।
यूनिवर्सिटी ने निंदा की
खुलासों के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कई कर्मचारियों से पूछताछ की गई है। 12 नवंबर को कुलपति प्रो. डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम से व्यथित हैं और इसकी निंदा करते हैं। हमारे डॉक्टरों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। यूनिवर्सिटी का इन व्यक्तियों से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे यहां अपनी आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे थे।
पोस्टर ने खोल दिया आतंकियों का राज
श्रीनगर से लगभग 15-16 किलोमीटर दूर एक जगह है बनपोरा नौगाम, यहां 19 अक्तूबर को भड़काऊ और धमकी भरे कुछ पोस्टर दिखाई दिये, इन पोस्टरों में पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकी दी गई थी। स्थानीय लोगों को भी चेताया गया था कि सुरक्षा बलों का सहयोग न करें, उन्हें अपनी दुकानों पर न बैठने दें। प्रकरण पुलिस के संज्ञान में आया तो, पुलिस ने पोस्टर को लेकर एक एफआईआर दर्ज कर ली। 27 अक्तूबर को मौलवी इरफान अहमद वाघे को शोपियां से गिरफ्तार किया गया, इसके बाद जमीर अहमद को गांदरबल से हिरासत में लिया गया, इन लोगों से गहनता से पूछताछ की गई, इसके बाद 5 नवंबर को डॉ. आदिल अहमद सहारनपुर से पकड़ा गया, इसके दो दिन बाद 7 नवंबर को अनंतनाग के एक अस्पताल से एक राइफल और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई।
डॉ. आदिल अहमद पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबंध रखने का आरोप है, वह 26 सितंबर से छुट्टी पर था, उसकी 4 अक्तूबर को एक महिला डॉक्टर से शादी हुई थी, इस डॉ. आदिल ने ही बनपोरा नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाये थे, इसे सीसीटीवी फुटेज से पहचाना गया था, वह सहारनपुर के अंबाला रोड स्थित एक निजी अस्पताल में काम करता था और मानकमऊ में रहता था। पोस्टर वाली एफआईआर की कड़ियाँ जोड़ते हुए पुलिस ने फरीदाबाद के धौज स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉ. मुज्जमिल अहमद गनेई उर्फ मुसैब को गिरफ्तार किया, इसे 30 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था, इसी दिन मुसैब को फरीदाबाद जेएमआईसी नवीन कुमार के न्यायालय में पेश कर 3 दिन के ट्रांजिट रिमांड पर जम्मू-कश्मीर पुलिस अपने साथ ले गई थी। इमाम के माध्यम से मुसैब सहित अब तक गिरफ्तार हो चुके संदिग्ध पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजावत-उल-हिंद के संपर्क में थे।
मौलवी इरफान अहमद वाघे, डॉ. आदिल और डॉ. मुजम्मिल से पूछताछ में जानकारी मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस, हरियाणा पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां ने साझा अभियान चलाया। एजेंसियां 8 नवंबर को फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में पहुंचीं, जहां से कुछ और बंदूक, पिस्तौल और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई। 9 नवंबर को फरीदाबाद के धौज निवासी युवक मदरासी को पकड़ा गया। 10 नवंबर को विस्फोटक तैयार करने की बड़ी मात्रा में सामग्री बरामद हुई। 2563 किलोग्राम सामग्री मिलने से हड़कंप मच गया, इसके बाद फरीदाबाद से हफीज मोहम्मद इश्तियाक को गिरफ्तार किया गया। इश्तियाक मेवात का निवासी है और अल-फलाह मस्जिद का इमाम बताया जाता है। इश्तियाक के ही मकान का एक कमरा डॉ. मुजम्मिल ने किराए पर लिया था, इस कमरे से ही 358 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर और टाइमर जब्त किए गए, इस छापेमारी में फरीदाबाद के अलग-अलग कमरों से लगभग 3000 किलोग्राम विस्फोटक पदार्थ और बम बनाने के उपकरणों को बरामद किया गया है। डॉ. मुजम्मिल और धमाका करने का आरोपित डॉ. उमर मित्र थे और यूनिवर्सिटी में एक साथ ही समय बिताते थे, साथ ही इन दोनों के कमरे भी बराबर में ही थे।
महिला विंग की प्रमुख है डॉ. शाहीन
लखनऊ से सोमवार को गिरफ्तार हुई डॉ. शाहीन सईद आतंकी संगठन जैश की महिला विंग की प्रमुख बताई जा रही है, इसे भारत में भर्ती करने की जिम्मेदारी मिली थी। पाकिस्तान स्थित जमात उल मोमीनात जैश की महिला विंग है, जिसकी भारत में कमान डॉ. शाहीन को सौंपी गई है। सादिया अजहर मसूद की बहन है, जो पाकिस्तान में जैश की महिला विंग की हेड है। सादिया अजहर का पति यूसुफ अजहर कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड था। लोकसेवा आयोग से चयनित डॉ. शाहीन कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर काम करती थी। हालांकि, उसने 2013 में नौकरी छोड़ दी, उसकी शादी महाराष्ट्र के एक व्यक्ति से हुई थी लेकिन, 2015 में दोनों अलग हो गये थे। लंबे समय तक गैर-हाजिर रहने के कारण 2021 में डॉ. शाहीन को मेडिकल कॉलेज ने बर्खास्त कर दिया था, इसके बाद शाहीन फरीदाबाद चली गई थी, इसके बाद संभवतः वह डॉ. मुजम्मिल के संपर्क में आई, साथ ही वह डेढ़ साल से परिवार के संपर्क में भी नहीं थी।
एजेंसियों को खोजने हैं कई प्रश्नों के उत्तर
फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक की बरामदगी हुई है, इतना अमोनियम नाइट्रेट लाया कहां से लाया गया? 2019 के पुलवामा हमले में आरडीएक्स के साथ अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग किया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान का बलिदान हुआ था। 2000-2011 के दौरान मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी में हुए विभिन्न हमलों में इंडियन मुजाहिदीन ने अमोनियम नाइट्रेट का ही उपयोग किया था, इस ताजा प्रकरण में सम्मिलित संदिग्ध का संबंध कहाँ तक है? कार में बम को एक्टिव करने में उमर की मदद किसने की थी? क्या यह फिदायीन हमला था? संदिग्ध के पासपोर्ट पर तुर्किये की मोहर लगी है, वे वहां क्यों गये थे?
धमकी किसी रणनीति का हिस्सा तो नहीं है?
दिल्ली में पिछले कई महीनों से स्कूल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, हवाई अड्डा आदि को उड़ाने की धमकी दी जाती रही है, इसलिये अब सवाल उठ रहा है कि क्या धमकी किसी रणनीति के तहत दी जाती थी? हो सकता है कि किसी विशेष दिन संदिग्ध रेकी करने निकलते हों, कुछ विशेष कार्य करने निकलते हों और उस दिन पुलिस एवं जांच एजेंसियों की गतिविधियां किसी अन्य दिशा में सक्रिय करने को, ऐसा किया जाता हो, इस तथ्य की भी जांच आवश्यक है। हालांकि बुधवार को भी एक ईमेल इंडिगो की शिकायत पोर्टल पर आया, जिसमें दिल्ली, चेन्नई और गोवा सहित कई एयरपोर्ट पर बम होने की बात कही गई थी। मुंबई से वाराणसी जा रही एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट को बीच उड़ान के दौरान बम की धमकी मिलने के बाद वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हाई अलर्ट घोषित करना पड़ा। विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी, इसके बाद उसे आइसोलेशन में ले जाना पड़ा।
सत्र से पहले क्यों होती हैं अप्रिय घटनायें?
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, इसके बाद से संसद शुरू होने से पहले कोई न कोई बड़ी अप्रिय घटना होती है, जिसके बाद पूरा सत्र अप्रिय घटना की भेंट चढ़ जाता है। कई सारे सत्र से पहले चीन सीमा पर कुछ न कुछ कर देता था, जिसके बाद विपक्ष सत्र नहीं चलने देता था। कभी सीमा पर तो, कभी देश के अंदर संयोग से कुछ न कुछ ऐसा होता रहा है, जिससे देश का करोड़ों रुपया बर्बाद हो जाता है, साथ ही सत्र में नीतिगत निर्णय भी प्रभावित होते हैं, इस धमाके के समय को देखा जाये तो, यह भी सत्र से पहले ही किया गया है। अगला सत्र 1 दिसंबर से प्रस्तावित है, इस धमाके पर सत्र के दौरान सरकार को घेरना आसान होगा, इस तथ्य पर भी एजेसियों को ध्यान देना चाहिये कि अप्रिय घटनाओं के पीछे कोई राजनैतिक कारण तो नहीं होता है?
