भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने सीपी राधाकृष्णन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ, मोदी-धनखड़ भी रहे मौजूद
नई दिल्ली, 12 सितंबर (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में एक संक्षिप्त समारोह में 67 वर्षीय राधाकृष्णन को शपथ दिलाई। लाल कुर्ता पहने राधाकृष्णन ने ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में शपथ ली।
राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू समेत कई नेता मौजूद रहें। पूर्व उपराष्ट्रपतियों हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू ने भी समारोह में शिरकत की। धनखड़ भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद वह पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए।
राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के कारण यह चुनाव आवश्यक हो गया था।
सीपी राधाकृष्णन का परिचय
1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की पढ़ाई की। वे आरएसएस के स्वयंसेवक के तौर पर सार्वजनिक जीवन में आए और 1974 में जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। 1996 में उन्हें भाजपा का राज्य सचिव बनाया गया और दो साल बाद, 1998 में, वे पहली बार कोयंबटूर से लोकसभा पहुंचे। 1999 में वे दोबारा सांसद बने।
सांसद रहते हुए उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति की अध्यक्षता की और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति सहित कई समितियों में अहम जिम्मेदारियां निभाईं। वे स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच करने वाली संसदीय विशेष समिति के सदस्य भी रहे।
संयुक्त राष्ट्र महासभा को किया संबोधित
2004 में वे संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने वाले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने। उसी वर्ष वे ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल रहे। 2004 से 2007 तक उन्होंने भाजपा तमिलनाडु इकाई की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने 93 दिन तक चली 19,000 किलोमीटर लंबी रथयात्रा निकाली, जिसमें नदियों को जोड़ने, आतंकवाद उन्मूलन, समान नागरिक संहिता और नशामुक्ति जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।
2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहां उनके नेतृत्व में कॉयर निर्यात 2,532 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर तक पहुंचा। 2020 से 2022 के बीच वे केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे।
कई राज्यों के रह चुके हैं राज्यपाल
18 फरवरी 2023 को उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्होंने कार्यकाल की शुरुआती चार महीनों में राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा किया। इसके अलावा वे कुछ समय के लिए तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल चुके हैं। 31 जुलाई 2024 को राधाकृष्णन ने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की शपथ ली और पूरे राज्य का भ्रमण कर विभिन्न वर्गों से संवाद स्थापित किया।
राज्यपाल रहते हुए उन्होंने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी। छात्र जीवन में राधाकृष्णन टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है।
राधाकृष्णन अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान की यात्राएं कर चुके हैं।