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बिहार चुनाव की बिसात और राहुल गांधी का इफ्तार में शामिल होना कितना अहम?

नई दिल्ली, 28 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। रमजान के पाक महीने में इफ्तार पार्टी सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राजनीतिक मंच भी बन जाता है और बिहार चुनाव 2025 के करीब आते ही इसकी राजनीतिक अहमियत और बढ़ गई है। इस बार इफ्तार पार्टी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की उपस्थिति ने कई नए राजनीतिक संकेत दिए हैं। खासतौर पर, इमरान प्रतापगढ़ी की ओर से आयोजित इस इफ्तार पार्टी में इंडिया ब्लॉक के नेताओं की मौजूदगी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बरसों बाद किसी सार्वजनिक इफ्तार पार्टी में देखा गया। 2018 में, जब वह कांग्रेस अध्यक्ष थे, तब उन्होंने खुद इफ्तार पार्टी आयोजित की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद वे इस तरह के आयोजनों से दूरी बनाए हुए थे। अब अचानक इस इफ्तार पार्टी में उनकी उपस्थिति को बिहार चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

बिहार के सियासी समीकरण?
बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने हैं, और राज्य में मुस्लिम वोट बैंक का बड़ा प्रभाव है। नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों इफ्तार पार्टी कर चुके हैं, लेकिन दोनों की दावतों में कुछ न कुछ राजनीतिक समीकरण गड़बड़ाते दिखे। लालू यादव की इफ्तार पार्टी से कांग्रेस ने दूरी बना ली, जिससे गठबंधन में तनाव की अटकलें लगाई जाने लगीं। नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बहिष्कार मुस्लिम संगठनों ने किया, क्योंकि वे वक्फ संशोधन बिल से नाराज थे।

इमरान प्रतापगढ़ी की इफ्तार और इंडिया ब्लॉक की एकजुटता
दिल्ली में हुई इमरान प्रतापगढ़ी की इफ्तार पार्टी को खास माना जा रहा है, क्योंकि इसमें इंडिया ब्लॉक के कई बड़े नेता शामिल हुए। राहुल गांधी के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को राहुल गांधी के पास बैठे देखा गया। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, एनसीपी सांसद फौजिया खान और जया बच्चन भी इस पार्टी में शामिल हुईं। खास बात यह रही कि इफ्तार में आए सभी नेताओं को संविधान की एक प्रति भेंट की गई।

क्या यह बिहार में इंडिया ब्लॉक की मजबूती का संकेत है?
जिस दिन कांग्रेस ने बिहार में महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, उसी दिन लालू यादव की इफ्तार पार्टी हुई थी। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने उसमें शामिल होने से परहेज किया। अब राहुल गांधी इमरान प्रतापगढ़ी की इफ्तार पार्टी में इंडिया ब्लॉक के नेताओं के साथ नजर आए, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि गठबंधन को बिहार चुनाव से पहले मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच दिल्ली चुनाव के दौरान तल्खी देखने को मिली थी, लेकिन इस इफ्तार पार्टी में आप नेता संजय सिंह और राहुल गांधी को साथ देखा गया, जिससे गठबंधन की संभावनाएं फिर से मजबूत होती दिख रही हैं।

बिहार चुनाव में मुस्लिम वोटों पर टिकी है नजर
बिहार में मुस्लिम मतदाता 16-17प्रतिशत के आसपास हैं, और वे चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू तीनों दल इस वोट बैंक को अपनी तरफ करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस की रणनीति नीतीश और लालू से अलग मुस्लिम समुदाय में अपनी सीधी पैठ बनाना हो सकती है।

 

 

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