दिव्या देशमुख ने झोंगयी को हराकर पहली बार शतरंज विश्वकप के फाइनल में किया प्रवेश
बातुमी (जॉर्जिया), 24 जुलाई (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारत की युवा इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख ने इतिहास रचते हुए फीडे महिला विश्व कप 2025 के फ़ाइनल में जगह बना ली है, दिव्या नें सेमी फाइनल के दूसरे क्लासिकल मुक़ाबले में चीन की पूर्व विश्व चैम्पियन और विश्व नंबर तान ज़्होंगाई को पराजित करते हुए फाइनल में तो प्रवेश किया ही साथ ही उन्होने अगले वर्ष होने वाले फीडे कैंडिडैट के लिए भी पात्रता हासिल कर ली है और ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय खिलाड़ी बन गयी है। 19 वर्षीय दिव्या नें पिछले साल ही विश्व जूनियर चैम्पियन बनने का कारनामा किया था और विश्व शतरंज ओलंपियाड में टीम और व्यक्तिगत दोनों वर्गो में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। सफ़ेद मोहरो से खेलेते हुए दिव्या नें सिसिलियन ओपेनिंग में एक अच्छी स्थिति हासिल कर ली थी पर खेल की 31वीं चाल में भारी भूल के चलते वह हार की कगार पर पहुँच गयी थी पर तान समय के दबाव में अपने वजीर को क़ुरबान कर जीतने की चाल नहीं देख पायी और उसके बाद दिव्या नें खेल में वापसी करते हुए अपने खेल जीवन की सबसे बड़ी सबसे खास जीत दर्ज की। और एक नया इतिहास बना दिया। अब फ़ाइनल में उनका सामना कोनेरु हम्पी और लेई टिंगजे की विजेता खिलाड़ी से होगा। कोनेरु हम्पी और चीन की लेई टिंगजे के बीच बाजी बेनेतीजा रही और अब दोनों कल टाईब्रेक मुक़ाबले खेलेंगी। स्लाव एक्स्चेंज ओपनिंग में हुए मुक़ाबले में कोनेरु हम्पी नें हाथी और प्यादो के एंडगेम में लेई पर दबाव डालने की भरपूर कोशिश की पर लेई नें अच्छा बचाव करते हुए अंक बांटने में सफलता हासिल कर ली।