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भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गतिविधियां मार्च में रही मजबूत : एचएसबीसी

नई दिल्ली, 24 मार्च (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारत में बिजनेस गतिविधियां मार्च में मजबूत रही हैं। इस दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की बिक्री और उत्पादन में विस्तार देखा गया है। इसकी वजह मांग का बढ़ना था। यह जानकारी सोमवार को जारी हुए एचएसबीसी फ्लैश इंडिया सर्वेक्षण में दी गई।

एचएसबीसी फ्लैश इंडिया कम्पोजिट आउटपुट इंडेक्स मार्च में 58.6 पर स्थिर रहा है जो कि फरवरी में 58.8 पर था। यह आंकड़ा लंबी अवधि के औसत 54.7 से अधिक है, जो कि मजबूत ग्रोथ को दर्शाता है।

सर्वेक्षण में बताया गया कि एचएसबीसी फ्लैश इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई मार्च में बढ़कर 57.6 हो गई है, जो कि फरवरी में 56.3 थी। यह दर्शाता है कि मार्च में देश में मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस में सुधार हुआ है।

मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के पांच मुख्य घटकों में से मार्च में तीन में – आउटपुट, नए ऑर्डर और स्टॉक में बीते महीने के मुकाबले बढ़त देखने को मिली है।

सर्वेक्षण में निजी क्षेत्र की कंपनियों ने उत्पादन में वृद्धि का मुख्य कारण बढ़ती मांग को माना है। साथ ही, नए ऑर्डरों में और वृद्धि हुई।

सर्वेक्षण में माल उत्पादकों ने मार्च में फरवरी की तुलना में तेज वृद्धि का संकेत दिया और यह सेवा प्रदाताओं के लिए दर्ज की गई वृद्धि दर से अधिक थी। हालांकि, विस्तार की गति नवंबर 2023 के बाद से दूसरी सबसे धीमी थी क्योंकि कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी है।

एचएसबीसी फ्लैश इंडिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय निजी कंपनियों के ऑर्डर को इंटरनेशनल सेल्स से सहारा मिल रहा है। नए निर्यात ऑर्डर में वृद्धि तीन महीने के निचले स्तर पर है, हालांकि, यह सितंबर 2014 से शुरू हुई सीरीज के औसत से ऊपर बनी हुई है।

मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने अपनी सर्विस कंपनियों की तुलना में विदेशों से नए कारोबार में अधिक तेजी दर्ज की।

सर्वेक्षण में बताया गया कि मार्च में आउटस्टैंडिंग बिजनेस वॉल्यूम बढ़ी है। हालांकि, बीते सात महीनों में यह पहला मौका है, जब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या सर्विसेज सेक्टर के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ी है।

महंगाई दर लंबी अवधि के औसत से कम है। भारतीय वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव फरवरी 2022 के बाद सबसे धीमी गति से हुआ है।

एचएसबीसी फ्लैश इंडिया सर्वेक्षण के अनुसार, मार्च में कारोबारी आत्मविश्वास ऊपर बना हुआ है। हालांकि, कारोबारियों के लिए प्रतिस्पर्धा चिंता का विषय बनी हुई है।

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