व्यापार

जमा स्वीकारने वाले संस्थानों की विफलता के प्रबंधन का ढांचा तैयार करें: पात्रा

जयपुर, 13 अगस्त (ऐजेंसी/सक्षम भारत)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने जमा बीमाकर्ताओं तथा वित्तीय सुरक्षा चक्र से जुड़े अन्य प्रतिभागियों से कहा कि वे जमा स्वीकार करने वाले संस्थानों की विफलता का प्रबंधन करने और संभावित प्रभावों को रोकने के लिए एक ढांचा तैयार करें।

पात्रा ने कहा कि वित्तीय लेन-देन के तेजी से डिजिटलीकरण होने के मद्देनजर उक्त संकट तेजी से फैल सकता है। ऐसी संकटग्रस्त संस्थाओं में आपातकालीन नकदी सहायता और एहतियाती हस्तक्षेप करने की आवश्यकता हो सकती है।

जयपुर में ‘जमा बीमाकर्ताओं के लिए उभरती चुनौतियों से निपटने’ के विषय पर आयोजित सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘डीआईसीजीसी उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए आकस्मिक योजना और संकट प्रबंधन ढांचे सहित जोखिम प्रबंधन को प्राथमिकता दे रहा है।’’

पात्रा ने कहा, ‘‘जमा बीमाकर्ताओं तथा अन्य वित्तीय सुरक्षा चक्र प्रतिभागियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे संकट की तैयारी व प्रबंधन के लिए रूपरेखा तैयार करें जो जमा स्वीकार करने वाले संस्थानों की विफलता को प्रबंधित करने की उनकी क्षमता को बढ़ाएं और साथ ही संभावित संसर्गी प्रभावों को कम करे।’’ इस सम्मेलन की मेजबानी ‘डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन’ (डीआईसीजीसी) ने की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *